माया कालेधन की!

आप ने जांच की तो इस जन्म में पूरी नहीं होगी। कालाधन रखने वालों के लिए छतरी क्यों बन गई है सरकार? आप नाम बताइए, संधि हम देख लेंगे। ये फटकार देश की सबसे बड़ी अदालत ने उस सरकार को लगाई है जिसके मुखिया नरेंद्र मोदी हैं। वो मोदी जो सपनों अच्छी मार्केटिंग करने के साथ साथ अच्छी गणित लगाना भी जानते हैं। तभी तो चुनावों के दौरान कालेधन से देश के हरेक नागिरक की जेब में 15 लाख रुपए भरने का सब्जबाग दिखाए थे। उनकी सरकार को कालेधन मसले पर लताड़ लगी है। वो विरोधियों के निशाने पर हैं। बीजेपी कहती है हमारी नियति पर शक ना करें। लेकिन सवाल उठता है ये शक पैदा क्यों ना हो। बीजेपी के तमाम धुरंधर जो सरकार को डिंफेंड करते हुए नजर आ रहे हैं, चंद महीनों पहले यूपीए सरकार को ठीक इसी मुद्दे पर घेरते थे। कांग्रेस भी दोहरा काराधान नीति को रोना रोती थी और बीजेपी चिल्लाती थी। वक्त बदल गया है बीजेपी सत्ता में है, अब हाय तौबा मचाने की बारी कांग्रेस की है। सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं। फेमा और मनीलॉंड्रिंग के मामलों पर अच्छी पकड़ रखने वाले कुछ जानकारों का ये भी कहना है कि कालेधन नाम की कोई चिड़िया अब डाल पर है ही नहीं। सब ने अपने घरौंदे बदल दिए हैं। कालेधन का मसला कोई नया नहीं। सालों से राजनीति हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने महीनों पहले एसआईटी गठन का आदेश दिया। तब से लेकर अब तक क्या इन लोगों ने अपने खातों के ठिकाने नहीं बदले होंगे। ना जाने कितना ही कालाधन सफेद होकर विदेशी निवेश के तौर पर भारत में आ चुका होगा। कुछ का तो यह भी दावा है कि देश में ब्लैक और व्हाइट पैरलल इकॉनमी चल रही है। यानि जितना काला धन देश के अदंर है उतना शायद विदेशी बैंकों में नहीं। शायद यही बात बीजेपी को सत्ता में पहुंच कर मालूम चल रही है और वो कांग्रेस से कह रही है- मिले सुर मेरा तुम्हारा। खैर देश में कुल कितना कालाधन है ये सवाल अब भी एक अबूझ पहले बना हुआ है। साल 2006 में यूपीए सरकार ने श्वेत पत्र जारी कर 23हजार 373 करोड़ रुपए कालेधन की बात कबूली थी। लेकिन वही यूपीए सरकार जब दोबार सत्ता में आई तो 2010 में उसने कालेधन का ये आंकड़ा घटाकर करीब 9 हजार करोड़ का बताया। बाबा रामदेव के मुताबिक 400 लाख करोड़ रुपए काला धन है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के मुताबिक 120 लाख करोड़ कालाधन हैं। तो सीताराम येचुरी 10 लाख करोड़ का काला धन बताते हैं। हकीकत क्या है किसी को पता नहीं। जिसको जो मर्जी में आया गाता चला गया। वैसे मोदी जी आपने जो 15 लाख देने का वादा किया था उसका इंतजार मेरे एकाउंट को भी है।
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